जीव यांत्रिकी विज्ञान के अध्ययन का वैज्ञानिक दृष्टि से अब शारीरिक शिक्षा में खेल कूद में क्या योगदान है


 जीव यांत्रिकी विज्ञान के अध्ययन का वैज्ञानिक दृष्टि से अब शारीरिक शिक्षा में खेल कूद में क्या योगदान है


दशामाना को आधुनिक युग में प्रवेश किया है उसके मनोज शारीरिक अंगों में भिन्न-भिन्न प्रकार के बदलाव हुआ है अर्थात उसके कार्यशील ताला कार्यक्षमता में जो भी बदलाव देखे जाते हैं उन्हें जीव यांत्रिकी विज्ञान के माध्यम से जानकारी प्राप्त की जाती है


जीव यांत्रिकी विज्ञान के माध्यम से ही खिलाड़ी में हो रहे बदलाव को देखा जाता है साथ ही साथ खेल कला कौशलों में खिलाड़ी द्वारा किए जाने वाले कार्य क्षमता में बदलाव के लिए तैयार की जाती है 


क्रिया कौशलों व तकनीकों को वैज्ञानिक रूप देने में सहायक - जीव यांत्रिकी के विज्ञान के माध्यम से खिलाड़ी में कार्य क्षमता में सुधार होता है जिससे खेलकूद व कला कौशलों में साथी साथ तकनीकों में भी मूल रूप से सुधार देखा जाता है


कौशल सुधार करने में सहायक - खिलाड़ी के कार्य क्षमता को समझकर मूल रूप से उसके कौशलों को सुधारने के लिए आवश्यक होती है जीव यंत्र के विज्ञान के माध्यम से हम खिलाड़ी की योग्यता को समझ कर मूल रूप से कौशल सुधार में बदलाव ला सकते है


आंतरिक व बाहरी शारीरिक अंगों में संबंध - जीव यांत्रिकी विज्ञान के माध्यम से ही हम अपने शारीरिक अंगों को किसी कला को करने के लिए संतुलन अवस्था में ला सकते हैं अर्थात हमें अपने शारीरिक अंगों में कोआर्डिनेशन बनाना अत्यंतिक जरूरी है जो जीव यंत्र के विज्ञान के माध्यम से प्राप्त होता है जो हमारे शारीरिक अंगों का आपस में कोआर्डिनेशन कराता है किसी भी खेल खिलाओ की कला को छू लो या अवस्था में शारीरिक गतिविधियों को ला सकें


शारीरिक अंगों की कुरूपता के निवारण में सहायक - जब जब कोई खिलाड़ी कैसे कला कौशलों का अभ्यास गलत तकनीक के माध्यम से करता है तो उस खिलाड़ी में कुरूपता देखने को मिलती है इस काम के कारण वह खिलाड़ी अपने संपूर्ण लचीलापन शक्ति व ऊर्जा का संचार नहीं कर पाता अर्थात उस अवस्था में उस खिलाड़ी को वैज्ञानिक दृष्टि से प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है



उचित प्रशिक्षण में सहायक - विज्ञान के माध्यम से ही हम किसी खिलाड़ी को प्रशिक्षण दे सकते हैं उसके उन गतिविधियों में सुधार हेतु पूर्ण रूप से प्रशिक्षण हेतु जीव यांत्रिकी विज्ञान का प्रयोग किया जाता है जिससे उस व्यक्ति के उन सभी कला को स्कूलों में शारीरिक अवस्था में बदलाव होता है जिससे वे उन कला कौशल को सही ढंग से कर पाता है 



क्षमता व योग्यता को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण - सभी खिलाड़ियों में अलग-अलग क्षमता व योग्यता को देखा जाता है अर्थात यदि उन सभी खिलाड़ियों को एक समान रूप से प्रशिक्षण दिया जाए तो सभी खिलाड़ियों में एक समान रूप से बदलाव नहीं देखा जा सकता अर्थात उनकी योग्यताओं को समझते हुए ही उनको प्रशिक्षण देना आवश्यक होता है जो कि वैज्ञानिक दृष्टि से ही संभव है जीव यंत्र के विज्ञान के माध्यम से ही हम उन सभी कला को चलो वैज्ञानिक दृष्टि को समझकर उस खिलाड़ियों को उसकी योग्यता के अनुसार प्रशिक्षण दे सकते हैं



सुरक्षात्मक ज्ञान व दुर्घटना में अंगों की चिकित्सा प्रणाली में सहायक - खेलकूद में चोट लगना एक सामान्य सी बात है उस स्थिति में यदि खिलाड़ी को सही ढंग से उपचार ना दिया जाए तो वह चोट बढ़ भी सकती है अर्थात चोट लगने की स्थिति में फर्स्ट एड ज्ञान होना जरूरी है साथी साथ चोट को गंभीरता से समझना भी जरूरी है साथी विशिष्ट सहायक व्यायाम द्वारा खिलाड़ी के चिकित्सा प्रणाली की आती है

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